क्या कभी आपने सोचा था कि जो कंपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर की दुनिया में की अगुआ बनकर उभरी थी वही अब धीरे धीरे बाजार में पिछड़ती जा रही है हम बात कर रहे है ओला इलेक्ट्रिक की जिसमें एक वक्त में भारत के इलेक्ट्रिक टू वीलर मार्केट में पचास फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी रखी थी लेकिन आज वह तीसरे नंबर पर आ चुकी है।
मई दो हज़ार चौबिस तक ओला इलेक्ट्रिक देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू वीलर कंपनी थी लेकिन अब मई दो हज़ार पच्चीस आते आते ओला तीसरे पायदान पर पहुंच चुकी है ।
टीवीएस मोटर अब नंबर एक बन गई है जिसकी मार्केट हिस्सेदारी पच्चीस फीसदी है दूसरे नंबर पर बजाज आटो बाईस प्वाइंट छः फीसदी मार्केट शेयर के साथ और ओला इलेक्ट्रिक 20 फीसदी के हिस्सेदारी के साथ तीसरे नंबर पर सिमट गई है ।
मई दो हज़ार चौबिस में कंपनी ने सैंतीस तीन सौ अठासी वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन मई दो हज़ार पच्चीस में गिरकर कर सिर्फ पंद्रह हजार दो सौ इक्कीस यूनिट रहेगा यानी सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट वो भी सिर्फ एक साल में एक साल पहले पुलिया के पास पचास फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी थी और अब वो सिर्फ बीस पर्सेंट पर आ गई है ।
लेकिन अभी तो बिक्री आदि से भी कम हो चुकी है कंपनी का घाटा लगातार बढ़ रहा है और इसी बीच ओला ने सत्रह सौ करोड़ रुपये जुटाने का ऐलान भी किया है कि पैसा कम डिबेंचर और टेप इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए जुटाएगी यानी कर्ज लेकर ऑपरेशंस चलाएगी ।
जब ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ आया था अगस्त दो हज़ार चौबिस में तब कंपनी के शेयर की कीमत छिहत्तर रुपये थी लेकिन आज मई दो हज़ार पच्चीस में कंपनी का शेयर करीब बावन रुपए पर ट्रेड कर रहा है यानी निवेशकों को करीब करीब तीस फीसदी का नुकसान हो चुका है ।
एक और बड़ी दिक्कत है ग्राहकों का भरोसा कई ओला यूजर्स ने शिकायत की है कि सर्विस सेंटर्स की कमी है बैटरी परफॉर्मेंस गिर रही है समय पर रिप्लेसमेंट नहीं मिल रहा पास की सप्लाई में देरी हो रही है इन सभी दिक्कतों के चलते ग्राहकों का भरोसा ओला से उठ गया है ।