कार के टायर न केवल हमारे सफर को आरामदायक बनाते हैं, बल्कि हमारे सुरक्षा के साथ साथ कार की भी सुरक्षा करते है बहुत से लोगों के डाउट होते हैं की हमारी कार के टायर कैसे है हमें कितनी इंटरवल में चेंज कराना चाहिए चेंज कराने के लिए और हम ऐसी क्या चीज चेक करें जिससे हमें यह पता चले अभी हमारे टायर की कंडीशन सही है भी या उसे रिप्लेस कराने की जरूरत है । कई बार लोग टायर बदलने में देरी कर देते हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। तो सवाल है – टायर कितने समय में बदलने चाहिए? इस पोस्ट में हम विस्तार से बताएंगे टायर बदलने का सही समय, संकेत और देखभाल के आसान टिप्स ।
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Toggleटायर बदलने के संकेत
अगर आपके टायर में निम्न लक्षण दिखें जो नीचे दिए गये है , तो तुरंत उन्हें बदलना चाहिए:
1-ट्रेड वियर इंडिकेटर (TWI) दिखाई दे:
जब टायर घिस जाते है है तो टायर के बीच में छोटे-छोटे उभार होते हैं। अगर ट्रेड (tread) गहराई 1.6 मिमी से कम रह जाए तो टायर बदलना जरूरी है।
2-फटे या कटे टायर:
यदि टायर की साइड वॉल में दरारें या कट दिखें तो यह खतरनाक हो सकता है।
3-असमान्य कंपन: यदि ड्राइविंग करते समय असामान्य कंपन महसूस हो तो टायर असंतुलित या खराब हो सकते हैं।
बार-बार पंचर: एक ही टायर में बार-बार पंचर हो रहा है तो वह कमजोर हो चुका है।
पुराने टायर: टायर की मैन्युफैक्चरिंग डेट जांचें (DOT नंबर देखें)। 6 साल से पुराने टायर बदलने चाहिए, चाहे वे अच्छे दिखें।
टायर बदलने का सामान्य समय
1. किलोमीटर के आधार पर:
आमतौर पर यह मान कर चला जाता है की कार का टायर 40,000 से 60,000 किलोमीटर तक अच्छे रहते हैं हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है की टायर की क्वालिटी, गाड़ी किस तरह के सड़कों पर चली है और आपकी ड्राइविंग स्टाइल पर निर्भर करती है।
2. समय के आधार
ऐसा माना जाता है की भले ही टायर ज़्यादा चले न हों, फिर भी यदि आपकी की गाड़ी को 5 से 6 साल बाद टायर बदलना चाहिए। समय के साथ टायर की रबर कठोर हो जाती है और पकड़ (grip) कमजोर पड़ जाती है।
टायर की उम्र कैसे जांचें?
टायर की उम्र जानने के लिए कार के निर्माण के समय उसके टायर पर पर DOT कोड लिखा होता है, जिसके आखिरी के चार अंक निर्माण सप्ताह और वर्ष बताते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोड है 2319, तो इसका मतलब है कि टायर 2019 के 23वें सप्ताह (जून) में बना था।
टायर की उम्र बढ़ाने के आसान टिप्स
समय समय से हवा को चेक करते रहे और हवा का दबाव को बनाए रखें।
हर 8,000 से 10,000 किमी चलने के बाद में टायर रोटेशन कराएं।
व्हील अलाइनमेंट और बैलेंसिंग नियमित कराएं।
गाड़ी को चलाते समय तेज ब्रेकिंग और अचानक से टर्न करने से बचें नहीं तो गाड़ी को नुकसान हो सकता है ।
गाड़ी को छांव वाले स्थान पर खड़ा करे या पार्क करें ताकि टायर सूरज की गर्मी से खराब न हों।